हेलमेट मैन ऑफ़ इंडिया के लिए सात समुंदर पार से आई राखी पेड़ों के ऊपर लटक गई.
ग्रेटर नोएडा के बच्चों ने पेड़ को राखी बांध कर हेलमेट पहन ली. सड़क दुर्घटना एक अदृश्य युद्ध है जो हर साल लाखों बहन का भाई सड़कों पर हमेशा के लिए छोड़ कर चले जा रहे है.
इन रिश्तों की डोर और अधिक मजबूत करने के लिए हेलमेट मैन सड़क दुर्घटना के खिलाफ दस वर्षों से लड़ाई लड़ रहे है. आज रक्षाबंधन का दिन है भारत के अलग-अलग कोनों से 188 बहनों ने हेलमेट मैन ऑफ़ इंडिया को राखी भेज कर उनकी कलाई मजबूत कर रही हैं. उनमें से एक बहन सरहद पार लंदन से राखी के साथ हेलमेट भेजा.
रक्षाबंधन के दिन सैकड़ो छोटे बच्चे खुशी से झूम उठे. क्योंकि पेड़ को राखी बांधने के बदले हेलमेट मिला. पेड़ को राखी बांधने का कार्य सात समंदर पार रसपाल सियान पिछले 20 वर्षों से कर रही हैं. क्योंकि भारत की सड़कों पर 20 वर्ष पहले उन्होंने अपने भाई प्रदीप सिंह रतन को हेलमेट न लगाने की वजह से खो दिया था.
और दुर्घटना के वक्त वह अपने भाई से नहीं मिल पाई थीं क्योंकि उस वक्त वह लंदन में थी. और उनके माता पिता के साथ भाई कॉलेज की छुट्टियां मनाने भारत आया था. जो दिल्ली में सड़क हादसे का शिकार हो गया और अंतिम संस्कार के लिए भाई की बॉडी लंदन भेजा गया जो उस वक्त भाई के कलाई में बंधा हुआ राखी देखकर भाई से लिपट कर रो पड़ी.
*1*रक्षा बंधन पर क्यों झूमे बच्चे*
*2*आज भी बहन अपने भाई के लिए क्यों रोती है*
आज भी अपने भाई की याद में रक्षाबंधन पर पेड़ को राखी बांधती हैं. वह सड़कों पर जान बचाने वाले को देवदूत मानती हैं. भारत की सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं का खबर हमेशा पढ़ती रहती हैं. उन्हीं खबरों में एक खबर मानवता के लिए कार्य करते हुए हेलमेट मैन ऑफ इंडिया के बारे में पढ़ा. जो अपने मित्र को सड़क हादसे में खोने के बाद दस वर्षों से हेलमेट बांट कर कई लोगों की जिंदगी बचा चुके हैं. उन्हें इनका प्रयाश बहुत अच्छा लगा क्योंकि दिल्ली की सड़कों पर उनके भाई को तड़पते हुए कई लोगों ने देखा मगर अस्पताल ले जाने के लिए कोई तैयार नहीं था.
*3*इलाज के अभाव से हुई थी ऐसे मौत*
अगर सही समय पर इलाज शुरू होता तो सर से ब्लीडिंग को रोका जा सकता था. लेकिन उस घटनास्थल पर उनके माता-पिता को पहुंचने में एक घंटा लग गया जो काफी देर के बाद अस्पताल पहुंचे थे. अब उनके परिवार के सभी लोग लंदन में रहते हैं भारत की सड़के उन्हें बहुत डरावनी लगती है. लेकिन इन सभी असफलताओं के बीच हेलमेट मैन की जिंदगी बचाने की सफलता देखकर उन्हें बहुत खुशी हुई और अब हेलमेट मैन ऑफ़ इंडिया के मिशन को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं. ताकि मेरी तरह कोई और भारत की बहने अभागीन ना बने और बचपन से भाई की कलाई में राखी बांधते समय एक सुरक्षा की भी राखी जरूर बांधे. तभी बहन को दिए हुए वादों की रक्षा उसका भाई जिंदगी भर निभा पाएगा. अन्यथा हर साल लाखों बहने अपने भाई को सड़कों पर खोते हुए देख रही हैं.
*4*बहनों से राखी बंधवाते समय वाहन चलाते समय हेलमेट पहने का की शपथ जरूर ले*
लेकिन इन घटनाओं की शिक्षा अगर बहनों को बचपन से मालुम हो जाएं तो हर घर की बहन अपने भाई की सुरक्षा के लिए ढाल बन सकती है. इसी प्रयास को आगे बढ़ाने के लिए रशपाल सियान ने छोटे बच्चों के लिए हेलमेट भेजा ताकि सभी परिवारों को यह बात पता चले. उन्हें इस बात की बहुत खुशी है की हेलमेट मैन ऑफ इंडिया सुप्रीम कोर्ट से 4 साल के बच्चों के लिए हेलमेट लगाने का क़ानून भी लागू करा चुके हैं. आज इस कार्यक्रम से ग्रेटर नोएडा के सैकड़ो परिवार में दुगनी खुशी हुई जिस परिवार में सिर्फ अकेले भाई था उसे बहन प्राप्त हो गई और जिस बहन को भाई नहीं था उसे भाई मिल गया. हेलमेट मैन के आज कार्यक्रम करने से रक्षाबंधन त्योहार पर कई घरों से भाई बहन रिश्तों को एक नई मजबूती मिली है.
*5*हेलमेट मेन का यह संदेश था*
हेलमेट मैन ऑफ़ इंडिया ने कहा सभी माता-पिता अपने जवान बेटे और बेटी को स्कूटी बाइक तभी खरीद कर दें जब आपके बच्चे को साइकिल पर हेलमेट लगाने की आदत बन जाए. शिक्षा के पीछे भागने वाले सभी माता-पिता को अब सुरक्षा के पीछे भगाने का समय आ चुका हैं. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भारत सरकार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), डिप्टी डायरेक्टर डॉ निखिल कांत जी पहुंचे. विश्व निशाने पर है जलवायु संकट जागरूकता अभियान से बच्चों को पर्यावरण के बारे में कविता के माध्यम से जागरुक किए. इंडिया यंगेस्ट साइंटिस्ट गोपाल जी भी बच्चों से मिले और आर्मी रिटायर कर्नल लाखन सिंह मेजर जीडी शर्मा बच्चों के बीच सड़क सुरक्षा की जागरूकता का उत्साह देखकर कहा यह बच्चे छोटे उम्र में आर्मी जवान की तरह एक सड़क सुरक्षा के योद्धा दिखाए दे रहे है.