केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह से सांसद पाटील ने भेंट कर सौपा पत्र किया आग्रह

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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह से सांसद पाटील ने भेंट कर सौपा पत्र किया आग्रह

सहकारिता के माध्यम से क्षेत्र के पशुपालन एवं डेयरी विकास से जुड़े लोग को मिल सकती हैं नई उड़ान

बुरहानपुर। आज नई दिल्ली में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी से खंडवा लोकसभा सांसद श्री ज्ञानेश्वर पाटील ने मुलाकात कर पत्र सौप आग्रह किया कि संसदीय क्षेत्र अंतर्गत पशुपालन एवं डेयरी विकास से जुड़े लोगों को सहकारिता विभाग के माध्यम से पशुपालन करने एवं डेयरी संबंधी कार्यों की योजना का लाभ मिलता है तो वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगे तथा रोजगार भी मिलेगा। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने आश्वस्त किया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जनहितैषी सरकार है इस संबंध में सार्थक निर्णय लिया जाएगा।

पशुपालन एवं डेयरी फार्मिंग के कार्य कुशलतापूर्वक कर सकते है* सांसद श्री पाटील ने मुलाकात में बताया कि संसदीय क्षेत्र खण्डवा की सीमाएं 4 जिलों में फैली है।

इन चारों ही जिलों में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं,यह लोग मुख्य रूप से कृषि आधारित मजदूरी एवं शारीरिक श्रम वाले कार्य करते है।

मजदूरी के कार्यों में पुरुषों के अलावा महिलाएं एवं परिवार के बड़े बच्चे भी सम्मिलित रहते है।

कई परिवार दुधारू पशु पालते है। ये पशुपालन एवं डेयरी फार्मिंग के कार्य कुशलतापूर्वक कर सकते हैं, क्योंकि इस कार्य में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों की तुलना में अधिक रहती है। महिलाओं को पशुपालन का कार्य करना अधिक सुगम लगता है।

क्षेत्र के लोग दुग्ध व्यवसाय करना चाहते है। इन्हें सहकारिता विभाग के माध्यम से पशुपालन एवं डेयरी कार्य के लिये प्रशिक्षण देकर ऋण सुविधा, शीतगृह सुविधा, उचित मूल्य पर दुग्ध क्रय सुविधा आदि का लाभ दिया जाता है तो इनके जीवन स्तर में सुधार होगा एवं इनकी बेरोजगारी समाप्त होगी।

मेरा क्षेत्र कृषि आधारित होने से पशुओं को खाने के लिये पर्याप्त मात्रा में हरा घास खाद्यान्न उपलब्ध है। मध्यप्रदेश के मालवा निमाड़ अंचल में सांची दुग्ध संघ सफलतापूर्वक कार्य कर रहा है।

क्षेत्र के अजजा, अजा सहित गरीब लोगों को सहकारिता विभाग के माध्यम से पशुपालन करने एवं डेयरी संबंधी कार्यों की योजना का लाभ मिलेगा तो रोजगार के साथ ही वे आत्मनिर्भर होंगे।

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