पुरानी पेंशन की मांग तेज: कर्मचारी महासंघ ने यूपीएस को बताया घातक, निजीकरण पर जताई चिंता

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मध्य प्रदेश कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष एवं संयुक्त मोर्चा के संयोजक ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने केंद्र सरकार से मांग की है कि एनपीएस से अधिक घातक व्यवस्था यूपीएस के रूप में पेश कर दी गई है सरकार विकल्प ही देना चाहती है तो पुरानी पेंशन चुनने का विकल्प दे,

 

 

अधिकार दे कर्मचारी खुद तय कर लेगा उसके लिए क्या बेहतर है उपरोक्त जानकारी देते हुए संयुक्त मोर्चा के जिला अध्यक्ष ठाकुर संजय सिंह गहलोत ने बताया कि जिस तेजी के साथ सरकार सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण कर रही है वह देश के भविष्य के लिए खतरनाक है ।

 

 

रेलवे विभागों के साथ-साथ अन्य विभागों का निजीकरण ठीक नहीं है 26 सितंबर के आक्रोश मार्च में संपूर्ण देश में साबित कर दिया कि देश के समस्त एक करोड़ एनपीएस धारी कर्मचारी अधिकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन के सिवाय कुछ भी मंजूर नहीं है ।

 

 

वहीं दूसरी ओर संयुक्त मोर्चा के संयोजक डॉक्टर अशफाक खान,अनिल बाविस्कर, बृजेश राठौर, प्रमिला सगरे कल्पना पवार, धर्मेंद्र चौकसे ,हेमंत सिंह ठाकुर अरविंद सिंह राजेश पाटील ,राजेश साल्वे ,सतीश दामोदर सभी का कहना है कि निजीकरण देश की पीढ़ी के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

 

सरकार को यूपीएस लाने के पहले देश के एक करोड़ कर्मचारियों के बीच इसको लागू करना या नहीं करना इस संबंध में सभी कर्मचारियों के सुझाव लेना चाहिए थे उसके बाद ही लागू करना चाहिए।

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