सेवालाल जयंती पर उमड़ा जनसैलाब,50000 हजार से अधिक समाजजन हुए शामिल। शहर में निकली शोभा यात्रा ने रचा इतिहास।

सेवालाल जयंती
बुरहानपुर में संत शिरोमणि सेवालाल महाराज की 286वीं जयंती का आयोजन बहुत ही धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर एक विशाल और भव्य शोभायात्रा निकाली गई,
जिसमें हजारों की संख्या में समाजजन शामिल हुए।

शोभायात्रा के दौरान महिला, पुरुष, युवा एवं बुजुर्गों ने एक स्वर में संत शिरोमणि सेवालाल महाराज जी के जयकारे लगाए।
बग्गी मुख्य आकर्षण का केंद्र रही
बुरहानपुर में महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 विष्णु गिरी महाराज के सान्निध्य में शोभायात्रा ने चार चांद लगा दिए।

सांस्कृतिक कार्यक्रम और समाज की विशेष प्रस्तुतियां भी आकर्षण का केंद्र रहीं, महामंडलेश्वर विष्णु गिरी महाराज ने अपने दिव्य आशीर्वचनों से श्रद्धालुओं को कृतार्थ किया,बंजारा समाज गौर सेवा समिति ने इस आयोजन को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया, इस आयोजन ने समाज में एकता,

श्रद्धा और उत्साह का संदेश दिया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक रहेगा। संत सेवालाल महाराज का जन्म १५ फेब्रुवारी १७३९ को हुआ था और उनका निधन ४ डिसेंबर १८०६ को हुआ था , वे बंजारा समाज के संत और समाज सुधारक के रूप में जाने जाते हैं।
बाडा टांडा के सरसपुरी महाराज ने बाधा समा , और श्रद्धालुओं को झूमने पर विवश होना पड़ा।
आरे आरे सेवालाल, आरे आरे बापूलाल भक्ति गीतों पर जमकर थिरके ।
वही अगर हम बात करे बुरहानपुर जिले की जहां 85 तांडो
में बंजारा समाज लाखों की तादाद में विराज मान है।
बंजारा समाज की की अलग ही भाषा शैली वेश भूसा परंपरा रही है।
बंजारा समाज किसी राजा महाराजा से कम नहीं है, इनकी विरासत रही है।
लक्की शाह बंजारा जो एक योद्धा थे उन्हीं की बदौलत आज जो राजमार्ग है, उन्हीं की देन,
अब बात करे संत शिरोमणी सेवालाल बापू की जो कि एक दूरदर्शनिक थे, एक अच्छे समाज सुधारक भी, बापू ने समझ को एक रूडी वादिता से हटाकर समाज को शिक्षित और सुदृढ़ बनाया है।
पूरे भारत देश में करोड़ों को संख्या में बंजारा समाज निवास रत है।