आस्था और श्रद्धा का अनूठा संगम,
महाशिव रात्रि पर विशेष
रिपोर्ट हरिओम राठौड़
ग्राम नावरा में नारदेश्वर महादेव मंदिर में आठ दिन से चल रही शिव महापुराण कथा को सुनने के लिए शिवरात्रि के दिन दो हजार से ज्यादा लोग कथा सुनने पहुंचे।
बीड सिंगाजी (खंडवा) से पधारे आचार्य पंडित राजेश महाराज के मुखारविंद से संगीतमय शिव महापुराण की कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसे सुनने के लिए दूर दराज ओर आप- पास के ग्रामीण बड़ी संख्या में पहुंचे ।
27 को होगा कथा का समापन
ग्रामीण पंकज पाटिल ने बताया कि कथा 19 फरवरी से चालू है 27 फरवरी शिवरात्रि के अगले दिन विशाल भव्य यात्रा ओर भंडारे के साथ कथा का समापन होगा ।
नेपानगर विधायक सु श्री मंजू दादू भी कथा सुनने पहुंची साथ ही भोले बाबा के भजनों पर जमकर नृत्य किया ।
साथ ही महिलाओं के बीच नीचे बैठकर कथा का श्रवण किया।
आचार्य श्री पंडित राजेश जी महाराज ने बताया कि माता सती ने भगवान शिव जी को प्राप्त करने के लिए बहुत आराधना की थी। क्यों कि बिना तपे ओर बिना त्यागे संसार में कुछ मिलने वाला नहीं है ।
सबरी को भी अपना परिवार त्यागने के बाद भक्ति के मार्ग से भगवान राम के दर्शन हुए थे।
ज्ञानी भगवान के पास जाते है । ओर भगवान भक्त के पास आते हे।
सुदामा ज्ञानी थे। इसलिए उन्हें भगवान श्री कृष्ण के पास जाना पड़ा था । ओर सबरी भक्त थी इसलिए भगवान राम को उनके पास आना पड़ा ।
महा शिवरात्रि में दिन चार पहर जागकर बेल पत्र से पूजा करने पर भगवान प्रसन्न होते हैं। भगवान को दस तोला सोना चढ़ाने के बराबर होता हैं एक अकाव का फूल चढ़ाना ।
कथा में सम्मिलित समिति के सभी सदस्य एवं समस्त ग्राम वासी उपस्थित थे