बुरहानपुर नगर पुलिस अधीक्षक गौरव पाटिल द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम बुरहानपुर में ली गई समस्त विवेचकों की बैठक*
*न्यू क्रिमिनल लॉ अंतर्गत चालान प्रस्तुत करते समय ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बिंदु के संबंध में दिए आवश्यक निर्देश*
पुलिस अधीक्षक श्री देवेंद्र पाटीदार,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अंतरसिंह कनेश के निर्देशानुसार आज दिनांक 17.04.25 को पुलिस कंट्रोल रूम बुरहानपुर में श्रीमान नगर पुलिस अधीक्षक श्री गौरव पाटिल द्वारा समस्त थाना प्रभारियों, विवेचना अधिकारियों एवं संबंधित पुलिस अधिकारियों को न्यू क्रिमिनल लॉ अंतर्गत चालान प्रस्तुत करते समय ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बिंदु के संबंध मैं बैठक ली गई। एवं 1 जुलाई 2023 से प्रभावी नए आपराधिक कानूनों – भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS), भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 (BSA), और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (BNSS) के अंतर्गत चालान तैयार करते समय निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं का विशेष ध्यान रखने हेतु दिए गए आवश्यक दिशा निर्देश।
1.*अद्यतन कानूनी प्रावधानों का पालन*: चालान में सभी धाराएं नए कानून के अनुसार अंकित की जाएं। पुराने भारतीय दंड संहिता (IPC), साक्ष्य अधिनियम एवं दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) का उल्लेख न किया जाए।
2.*डिजिटल साक्ष्यों का समुचित समावेश*: BNSS एवं BSA के अंतर्गत डिजिटल साक्ष्यों को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। उनकी शृंखला, जब्ती, और प्रामाणिकता स्पष्ट रूप से चालान में दर्शाई जाए।
3.*पीड़ित की सुरक्षा एवं गोपनीयता*: नए प्रावधानों के अंतर्गत पीड़ित की पहचान उजागर न हो, विशेषतः महिला एवं बाल अपराधों में। चालान में पीड़ित की जानकारी को कोडित रूप में दर्शाया जाए।
4.*तथ्यात्मक एवं साक्ष्य-आधारित रिपोर्टिंग*: चालान में सभी तथ्यों को स्पष्ट, तार्किक एवं साक्ष्य-आधारित तरीके से प्रस्तुत किया जाए ताकि न्यायालय में विवेचना सशक्त रूप से रखी जा सके।
5.*विधिक भाषा एवं प्रारूप का पालन*: चालान का प्रारूप BNSS में दिए गए प्रपत्रों के अनुसार तैयार किया जाए। अनावश्यक विवरण या अस्पष्ट भाषा से बचा जाए।
6.*गवाहों के बयान एवं उनका दस्तावेजीकरण*: सभी गवाहों के बयान BSA की धारा अनुसार रिकॉर्ड किए जाएं और चालान में उन्हें विधिवत संलग्न किया जाए।
7.*CCTV, मोबाइल, कॉल डिटेल्स* आदि जैसे तकनीकी साक्ष्य यदि उपलब्ध हों, तो उसकी विधिवत जब्ती, फॉरेंसिक रिपोर्ट और प्रमाणीकरण चालान के साथ प्रस्तुत किया जाए।
8.*अन्वेषण की समय-सीमा का पालन*: विवेचना समयबद्ध हो और BNSS में निर्दिष्ट समयसीमा में चालान प्रस्तुत किया जाए।
9.*अनुसंधान की पारदर्शिता*: हर कदम पर निष्पक्षता, तटस्थता एवं पारदर्शिता बरती जाए ताकि आरोपी एवं पीड़ित दोनों के अधिकारों की रक्षा हो सके।
10.*नवीन अधिनियमों का अध्ययन और प्रशिक्षण*: प्रत्येक विवेचना अधिकारी नवीन कानूनों का गहन अध्ययन करे एवं पुलिस मुख्यालय द्वारा आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करे।
*श्रीमान नगर पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा स्पष्ट किया गया है कि कानून की सही समझ और प्रभावी अनुपालन से ही न्याय व्यवस्था में विश्वास कायम होगा। अतः सभी संबंधित अधिकारीगण इस दिशा में गंभीरता पूर्वक कार्य करें।*