बुरहानपुर पुलिस
स्कूली बच्चों के आवागमन को सुरक्षित बनाए जाने के उद्देश्य से स्कूल बसों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बैठक संपन्न।
स्कूल संचालको को स्कूल बसों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिए गए आवश्यक दिशा निर्देश।
माननीय सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली एवं माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा स्कूली बच्चों के सुरक्षित आवागमन को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सभी शैक्षणिक संस्थाओं और विद्यालयों हेतु आवश्यक बिंदुओं पर आधारित गाइडलाइन जारी की गई है। इन दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से सभी विद्यालयों की परिवहन व्यवस्थाओं में किया जाना है।
इसी संदर्भ में दिनांक 04.05.25 को पुलिस अधीक्षक श्री देवेंद्र पाटीदार के निर्देशन में शासकीय सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें शासन प्रशासन एवं स्कूल विभाग के अधिकारी कर्मचारी शामिल हुए जिसमें पुलिस एवं परिवहन विभाग के अधिकारी द्वारा आवश्यक दिशा निर्देशों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया बैठक का उद्देश्य यह था कि स्कूलों में संचालित होने वाली बसों में सुरक्षा संबंधी आवश्यक सावधानियों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा सके।
स्कूल बसों में सुरक्षा व्यवस्था के दिशा-निर्देश।
1.वाहन की पहचान और पंजीकरण।
बस के आगे और पीछे “School Bus” स्पष्ट अक्षरों में लिखा होना चाहिए।
यदि बस किसी विशेष समय में स्कूल सेवा में है, तो उस पर “On School Duty” लिखा होना चाहिए।
बस का पंजीकरण प्रमाणपत्र, बीमा दस्तावेज, और फिटनेस सर्टिफिकेट वैध होना चाहिए।
2.ड्राइवर और स्टाफ की योग्यता
ड्राइवर की न्यूनतम आयु 25 वर्ष हो और उसके पास वैध व्यावसायिक ड्राइविंग लाइसेंस हो।
कम से कम 5 वर्षों का भारी वाहन चलाने का अनुभव आवश्यक है।
ड्राइवर और कंडक्टर का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य है।
सभी स्टाफ को बच्चों के साथ व्यवहार संबंधी प्रशिक्षण (sensitivity training) दिया जाना चाहिए।
3.सुरक्षा सुविधाएँ
बस में GPS ट्रैकर, CCTV कैमरा, और संपर्क नंबर होना चाहिए।
प्रत्येक बस में एक महिला अटेंडेंट/सहायक अनिवार्य होनी चाहिए (विशेषकर प्राइमरी स्तर के लिए)।
बस में एक प्राथमिक चिकित्सा किट (First Aid Kit) होना अनिवार्य है।
बस के अंदर फायर एक्सटिंग्विशर होना चाहिए।
बस मैं इमरजेंसी खिड़की होना अनिवार्य है
4.बैठने की व्यवस्था और सीट बेल्ट
बच्चों के अनुसार सीटों की संख्या तय होनी चाहिए। ओवरलोडिंग प्रतिबंधित है।
सीटें आरामदायक और सुरक्षित होनी चाहिए।
प्राथमिक स्तर की बसों में सीट बेल्ट की व्यवस्था की अनुशंसा की जाती है।
5.चालक की गति और व्यवहार निगरानी
गति सीमा का पालन अनिवार्य है (सामान्यतः 40 किमी/घंटा से अधिक नहीं)।
लापरवाही, मोबाइल फोन का उपयोग, या तेज गति पर रोक होनी चाहिए।
6.छात्रों की बोर्डिंग और ड्रॉपिंग व्यवस्था
बस स्टॉप पर नियंत्रित और सुरक्षित बोर्डिंग और अलाइटिंग व्यवस्था हो।
बच्चे तभी छोड़े जाएँ जब वहाँ उनका अभिभावक उपस्थित हो।
ड्राइवर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी बच्चे सुरक्षित रूप से बैठ जाएँ तब ही बस चले।
7.बस की नियमित जांच और रखरखाव।
स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बस की नियमित मेंटेनेंस और फिटनेस टेस्टिंग हो।
टायर, ब्रेक, लाइट्स, वाइपर, आदि का समय-समय पर निरीक्षण हो।
8.अभिभावकों और बच्चों के लिए जागरूकता कार्यक्रम।
पुलिस एवं परिवहन विभाग ने यह स्पष्ट किया कि इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित संस्था के विरुद्ध विधिसंगत कार्रवाई की जाएगी।
बैठक में एडीएम बुरहानपुर श्री वीर सिंह चौहान, थाना प्रभारी कोतवाली सीताराम सोलंकी, निरीक्षक हरि सिंह रावत, सहायक उप निरीक्षक संदीप कैथवास, परिवहन विभाग के अधिकारी एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं सभी स्कूलों के संचालक उपस्थित रहे।
यह बैठक विद्यार्थियों की सुरक्षा के प्रति प्रशासन की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। सभी विद्यालयों से अनुरोध किया गया है कि वे समयबद्ध रूप से गाइडलाइन का पूर्ण पालन सुनिश्चित करें।