बुरहानपुर के महत्वपूर्ण बहुचर्चित एवं चिन्हित पोती के साथ बलात्संग करने वाले आरोपी दादा को धारा 5/6 पॉक्सोय एक्टा में शेष प्राक़ृत जीवन के लिये कारावास एवं 5000 अर्थदण्ड से दंडित किया गया ।
प्रकरण में विशेष लोक अभियोजक/अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी रामलाल रन्धावे द्वारा अभियोजित महत्वणपूर्ण बहुचर्चित एवं चिन्हित प्रकरण में विशेष न्यायालय पॉक्सो जिला बुरहानपुर द्वारा आरोपी दादा को धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट में शेष प्राक़ृत जीवन के लिये कारावास एवं 5000 अर्थदण्ड से दंडित किया गया ।
विशेष लोक अभियोजक/ अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी रामलाल रन्धा़वे ने बताया कि, पीडिता अपनी मॉ के साथ थाना शिकारपुरा पर पर उपस्थित होकर बताया था कि दिनांक 05-09-2024 को दोपहर 02.00 बजे स्कुल में खाने की छुट्टी हुई थी तो पीडिता स्कुल में खाना खाकर अपनी छोटी बहन को देखने घर गई थी ।
उसके उसके दादा ने उसे बीस रूपये का नोट दिखाकर बोला कि उसके साथ चले और उसका हाथ पकडकर पास की झाडियो में लेकर गया था इसके बाद आरोपी दादा ने अपने और पीडिता के कपडे उतार दिये और पीडिता के साथ दुष्कर्म करने लगा। आरोपी जब पीडिता के साथ गलत काम कर रहा था तो वहॉ भैंस चराने वाले व्यक्ति आ गया।
पीडिता ने उक्त व्यक्ति को घटना के बारे में बताया। भैंस चराने वाले व्यक्ति ने पीडिता को उसके स्कुल जाकर छोड दिया था पीडिता द्वारा स्कुल की छुट्टी होने के बाद अपने घर आयी तथा उक्त घटना अपनी मॉ को बतायी और बताया कि इसके पूर्व भी आरोपी दादा ने उसके साथ महाराष्ट्र में गलत काम किया था।
पीडिता की रिपोर्ट पर थाना शिकारपुरा पर अपराध 368/2024 धारा 64(1), 64(2)(एफ), 64(2)(एम), 65(2), 137(2) बीएनएस एवं धारा 5एल, 5एम, 5एन, 6, 3ए, 4(1), 4(2), 4(3) पॉक्सो एक्ट अंतर्गत पंजीबध्द कर विवेचना मे लिया गया। विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र मान. न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक जिला बुरहानपुर द्वारा उक्त प्रकरण को चिन्हित प्रकरणों की सूची में रखा गया था।
प्रकरण में शासन की ओर से सफलतापूर्वक पैरवी विशेष लोक अभियोजक/ अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी रामलाल रन्धादवे द्वारा की गई जिसके पश्चात मान. न्यायालय द्वारा आरोपी दादा धारा 64(2)(एफ), 64(2)(एम), 65(2) बीएनएस एवं धारा 5एल, 5एम, 5एन सहपठित धारा 6 पॉक्सो एक्टड में दोषसिध्दि पाते हुये धारा 5/6 पॉक्सो) एक्टे के तहत् शेष प्राक़ृत जीवन के लिये कारावास एवं 5000 अर्थदण्ड से दंडित किया गया। ।