ये तस्वीर उस बाप के प्रेम की गवाही है जो जीते जी क्या मरने के बाद भी अपने बेटे का साथ रहा ।

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ये तस्वीर उस बाप के प्रेम की गवाही है जो जीते जी क्या मरने के बाद भी अपने बेटे का साथ रहा ।

श्योपुर (मध्यप्रदेश)।

 

मरकर भी न छूटा पिता का साथ, तस्वीर बनी अमर प्रेम की मिसाल!

पार्वती नदी की बाढ़ इस बार सिर्फ़ पानी नहीं लाई… इंसानी रिश्तों की सबसे मार्मिक तस्वीर भी बहा लाई।

आमलदा गांव के शिवम यादव और उनके 10 वर्षीय बेटे राजू यादव की लाशें आज सुबह खेत में एक-दूसरे से लिपटी मिलीं।
परसों रात से लापता पिता-पुत्र जब घर नहीं लौटे तो गांव वाले और परिजन बेचैन हो उठे। तलाश जारी रही, पर आज मिली वो तस्वीर… जिसने हर आंख नम कर दी।

पिता का अपने बेटे को बचाने की आखिरी कोशिश… और बेटे का अपने पिता की छांव में बच जाने की अंतिम आस।

बाढ़ उन्हें तो बहा ले गई, लेकिन पीछे छोड़ गई एक ऐसा मंजर जो शब्दों से नहीं, सिर्फ़ दिल से महसूस किया जा सकता है।
ये सिर्फ़ एक तस्वीर नहीं है…
ये उस मूक प्रेम की आखिरी गवाही है,

जो एक पिता अपने बेटे के लिए दुनिया की हर आफ़त से लड़ते हुए देता है।

ईश्वर इस हृदयविदारक क्षति को सहने की शक्ति दे और दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करे।

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