नई दिल्ली में संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक में शामिल हुए सांसद ज्ञानेश्वर पाटील
*संसदीय क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिये बने विशेष परियोजना*
– स्वदेश दर्शन’ और ‘प्रसाद’ योजना में उक्त पर्यटन स्थलों को सम्मिलित किया जाए
– संसदीय क्षेत्र में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं
– धार्मिक व ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने की दिशा में बढ़ते कदम
बुरहानपुर। केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की सलाहकार समिति की नई दिल्ली में हुई बैठक में खंडवा लोकसभा सांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने सहभागिता कर खंडवा संसदीय क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक स्थलों को देशभर के पर्यटकों से जोड़ने संबंधी विषय को प्रमुखता से रखा।
*धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है स्थल*
सांसद पाटील ने बैठक में अपनी बात रखते हुए कहा कि खंडवा संसदीय क्षेत्र में स्थित ओंकारेश्वर, चार कुंड, असीरगढ़ का किला, कुंडी भंडारा, राजा जयसिंह की छतरी, जैन मंदिर बहादरपुर, राम झरोखा मंदिर, कबीर मंदिर, स्वामी नारायण मंदिर, जयंती माता मंदिर, पेशवा बाजीराव (प्रथम) का स्मारक, हनुमंतिया टापू जैसे ऐतिहासिक स्थल हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं। यह स्थल न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनकी प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिकता देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता रखते हैं। इन पर्यटन स्थलों के संरक्षण, विकास और विश्व स्तर पर प्रचार-प्रसार के लिए कोई विशेष परियोजना बनाई जाए। साथ ही केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे ‘स्वदेश दर्शन’ और ‘प्रसाद योजना’ के अंतर्गत इन स्थलों को शामिल किया जाए। पर्यटन का विकास न केवल क्षेत्र की आर्थिक प्रगति में सहायक होगा बल्कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे। यह हमारे युवाओं को अपने ही क्षेत्र में काम करने का अवसर देगा।
*सांसद ने लोकसभा में रखी थी मांग*
उल्लेखनीय हैं कि सांसद ज्ञानेश्वर पाटील ने विगत दिनों लोकसभा में संसदीय क्षेत्र खंडवा के धार्मिक व ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए विशिष्ट परियोजना बनाने की मांग सदन के माध्यम से पुरजोर तरीके से रखी थी।सांसद ने बताया था कि मेरे संसदीय क्षेत्र खंडवा के अंतर्गत यहाँ असीरगढ़ का किला, कुण्डी भंडारा, राजा जयसिंह की छतरी, जैन मंदिर, श्रीराम झरोखा मंदिर, कबीर मंदिर, स्वामी नारायण मंदिर, जयंती माता मंदिर (बडवाह) पेशवा बाजीराव (प्रथम) का स्मारक(बडवाह) हनुमंतिया टापू और ओंकारेश्वर सहित अन्य कई धार्मिक व ऐतिहासिक स्थल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।पर्यटन न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करता है। इन अमूल्य धरोहरों का दीर्घकालिक संरक्षण और प्रभावी रखरखाव सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है। इन पर्यटन स्थलों का रखरखाव केवल सौंदर्गीकरण का विषय नहीं है, बल्कि यह राज्य के आर्थिक भविष्य और सांस्कृतिक पहचान का भी प्रतीक है। उन्होंने केंद्रीय पर्यटन मंत्री से अनुरोध किया था कि पर्यटन स्थलों के संरक्षण और विकास के लिए कोई विशिष्ट परियोजना चलाई जाए तथा उस हेतु आवश्यक धनराशि आवंटित की जाए या केंद्र सरकार की विभिन्न पर्यटन विकास योजनाओं, जैसे ‘स्वदेश दर्शन’ और ‘प्रसाद’ योजना में उक्त पर्यटन स्थलों को सम्मिलित किया जाए जिससे यह राज्य देश के अग्रणी पर्यटन स्थलों में शुमार हो सके।