एनपीएस और यूपीएस सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए बना खलनायक, सरकार पर अन्याय करने का आरोप: कर्मचारी संघ

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एनपीएस और यूपीएस सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए बना खलनायक, सरकार पर अन्याय करने का आरोप: कर्मचारी संघ

बुरहानपुर जिले के सावित्री बाई शासकीय कन्या शाला में कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष संतोष सिंह दीक्षित ने जानकारी देते हुए बताया की एनपीएस और यूपीएस कर्मचारियों के जीवन में खलनायक की भूमिका निभा रहा है और सरकार है की उसको लागू करने पर तुली है ,वही आज देश में सेवानिवृत कर्मचारियों के साथ बुढ़ापे में घनघोर अत्याचार हो रहा है अन्याय हो रहा है एक और माननीय पुरानी पेंशन ले रहे हैं दूसरी और देश की एक करोड़ एनपीएस धारी कर्मचारियों को पहले एनपीएस लागू की अब संशोधन कर यूपीएस लागू कर दी कहावत है कुएं से निकले समुद्र में गिरे दोनों पेंशन स्कीम सेवानिवृत्ति कर्मचारियों की हितों में नहीं है इसका ताजा तरीन उदाहरण है हमारे चापोरा ग्राम के पास के रहने वाले बोरसल के सेवानिवृत्ति शिक्षक रामदास कडू पाटिल जब सेवा में थे तो उनको 45500 वेतन के रूप में मिलते थे अब सेवा निवृत हुए सेवानिवृत्ति पर उनकी पेंशन बनी 1289रुपए 58 पैसे यह है नेशनल पेंशन स्कीम का कमाल और यूनिफाइड पेंशन स्कीम में तो और कर्मचारियों का नुकसान है जिसमें सेवानिवृत्ति पर ही यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा तब मिलेगा वह भी अगर कर्मचारी संपूर्ण 25 वर्ष पूर्ण करता है तो इसका लाभ मिलेगा इसके पहले उसकी मृत्यु हो गई या सेवानिवृत्ति ले ली तो इसका लाभ सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष होने पर ही मिलेगा और उसका पैसा डूब जाएगा अगर मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार के लिए आर्थिक रूप से पूरी तरह जीरो हो जाएगा रोटी रोजी दवा औषधि के मोहताज हो जाएगा जबकि पुरानी पेंशन में ऐसा नहीं है उसमें सारे लाभ मिलते हैं,मोदी जी का धन्यवाद जिन्होंने हमारे संघर्ष के कारण हमारे आंदोलन के कारण एनपीएस की जगह यूपीएस लाई लेकिन कर्मचारी जगत के लिए उसमें और संशोधन की आवश्यकता है नेशनल मूवमेंट ओल्ड पेंशन स्कीम के जिला अध्यक्ष अनिल बागेश्वर संयोजक विजय राठौड़ संयोजक डॉक्टर अशफाक खान सैयद शहजाद अली आखरी मैडम विनय सभी ने प्रधानमंत्री से निवेदन है यूपीएस में संशोधन कीजिए प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता के साथ पेंशन कीजिए सेवा कल का जो सीमा है उसको खत्म कीजिए तब जाकर हमें यूनिफाइड पेंशन स्कीम का लाभ मिलेगा मोदी उपरोक्त व्यथा को देखते हुए केवल और केवल पुरानी पेंशन लागू कीजिए।

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