महाआरती, महादीपदान, कुंभाभिषेक के साथ गोइंदा-बालाजी, बालाजी-गोइंदा के उद्घोष से गुंजायमान हुआ भगवान बालाजी मेला

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महाआरती, महादीपदान, कुंभाभिषेक के साथ गोइंदा-बालाजी, बालाजी-गोइंदा के उद्घोष से गुंजायमान हुआ भगवान बालाजी मेला

बुरहानपुर। पारंपरिक एवं ऐतिहासिक भगवान श्री बालाजी महाराज का ताप्ती नदी तट सतियारा घाट पर अश्विन सुदी ग्यारस से तेरस तक तीन दिवसीय मेले के प्रथम दिवस महाआरती, महादीपदान, शहनाई वादन और भजन संध्या का आयोजन हुआ।

 

भगवान श्री बालाजी महाराज के समक्ष शीश नवाकर चरण स्पर्श करते हुए विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने क्षेत्र के विकास, सुख-शांति एवं समृद्धि की कामना की। यहां श्रीजी का 108 घड़ों से चंद्रकांत बालाजीवाले एवं मोहन बालाजीवाले के सानिध्य मंे ब्राह्मणों द्वारा कुंभाभिषेक किया गया और उसी स्थान पर अस्थायी मंदिर में तीन दिन के लिए श्रीजी को विराजमान हुए।

 

यहां उनके दर्शन के लिए हजारों भक्त पहुंच रहे है। मेला परिसर में समस्त उपस्थित श्रृद्धालुओं ने गोइंदा-बालाजी, बालाजी-गोइंदा का उद्घोष कर आसमान को गुंजायमान कर दिया।

 

इस दौरान महापौर श्रीमती माधुरी अतुल पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ.मनोज माने, जनपद पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि प्रदीप पाटिल, गिरीश शाह, अमित मिश्रा, मुकेश शाह, चिंतामन महाजन, कैलाश पारीख, धनराज महाजन, अशोक महाजन, संभाजीराव सगरे, आशीष शुक्ला, गौरव शुक्ला, भरत इंगले, अजय बालापुरकर, नरहरी दीक्षित, श्रीमती उमा कपूर, अशोक शाह, पप्पू सेठ, रूद्रेश्वर एंडोले, चिंटू राठौर, अक्षय मोरे, शिवकुमार पासी, श्रीमती नीमा पिलिया, श्रीमती संध्या कदवाने, भरत रावल सहित अन्य जनप्रतिनिधि व भक्तजन उपस्थित रहे।

मेले में दराबा, चिड़वा, बच्चों के खिलौने, मनोरंजन के लिए झुले आदि की व्यवस्थाएं भी की गई। मेला स्थल पर युवाओं द्वारा चंदन का टीका लगाकर श्रद्धालुआंे का अभिनंदन किया जा रहा है। प्रथम दिवस आयोजित मां ताप्ती की महाआरती, महादीपदान, शहनाई वादन और भजन संध्या का आयोजन हुआ।

 

ज्ञात हो कि भगवान श्री बालाजी महाराज प्रतिवर्ष अश्विन सुदी ग्यारस को मां ताप्ती नदी के तट पर पहुंच कर तेरस तक तीन दिन के लिए सतियारा घाट पर विराजित होते है। पिछले साढ़े चार सौ वर्षों से लगातार आयोजित हो रहे इस मेले को विगत 16 वर्षों से विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) द्वारा नया कलेवर प्रदान कर मेले को आकर्षक और मेले में आने वाले क्षेत्रिय नागरिकों को विद्युत प्रकाश व्यवस्था,

सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं और सुनियोजित मेला स्थल पर सुविधाओं के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम, सामाजिक दृष्टि से रचनात्मक व सृजनात्मक हो ऐसी व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाता है।

श्री बालाजी ताप्ती उत्सव समिति द्वारा नदी पर लगने वाले श्री बालाजी मेला उत्सव में पहले दिन नदी पर दीपदान कर भगवान श्री बालाजी महाराज के ’’रथ’’ का स्वागत किया गया। नगर के मुख्य धार्मिक मठ, मंदिर के पुजारी-संत दीप दान में भाग लेकर इस ऐतिहासिक मेले में भगवान श्री बालाजी भगवान की अगवानी की।

 

 

इसी दौरान मेला स्थल पर नदी के किनारे निर्मित मुख्य मंच पर भजन संध्या एवं आध्यात्मिक-धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन की पिछले 16 वर्षों से परम्परा को स्थापित कर श्रीमती अर्चना चिटनिस ने मेले को आधुनिक स्वरूप प्रदान कराया है। श्री बालाजी महाराज का तीन दिनी वार्षिक मेला इस बार प्रदेश के प्रसिद्ध भजन गायकों के सुरीले भक्ति गीतों से गूंजेगा। अंतिम दिन 15 अक्टूबर को प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा ‘‘माता का जगराता‘‘ एवं भक्त रस घोलेंगे। इसमें ‘‘अरे ये भैय्या जी… जरा ताली बजा लेना फेम‘‘ रीजा खान एवं बाली ठाकरे साथी कलाकारों के साथ प्रस्तुति देंगी।

 

मेला स्थल पर युवाओं द्वारा चंदन का टीका लगाकर श्रद्धालुआंे का अभिनंदन कराने की व्यवस्था भी सराहनीय बनती जा रही है। मेले के द्वितीय दिवस डांडिया एवं रास प्रतियोगिता का आयोजन होगा।

 

स्थानीय मंडलों व समितियों के बीच गरबा प्रतियोगिता के विजेताओं को पहला पुरस्कार 11001 रुपए दिया जाएगा। द्वितीय पुरस्कार स्वरूप दो टीमों को 7001-7001 और तीसरे पुरस्कार के रूप में तीन टीमों को 5001-5001 रुपए जाएंगे। अंतिम दिन मेले में आयोजित समस्त प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को पुरस्कार का वितरण किया जाएगा।

 

 

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