संस्कारों की पाठशाला बना बहादरपुर वैदिक शिविर,भजनों की भक्ति, विद्या में नीति और वेदों की ओर वापसी का संकल्प!

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बुरहानपुर:दयानन्द आर्यन्स वैदिक विधालय बहादरपुर में आयोजित आर्यवीर दल के तीसरे दिन प्रातः बौद्धिक वर्ग में बुरहानपुर से पार्षद श्री आशीष शर्मा ने आर्यवीरो एवं वीरांगनाओ को सम्बोधित किया, उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षा के साथ संस्कार जरुरी है ।

 

और वो संस्कार सिर्फ आर्यवीर दल जैसे शिविरो से प्राप्त होते है, आर्य समाज एवं आर्यवीर दल वेदो की और लौटने का नारा देता है।

 

पाखंड को छोड़ने की बात करता है, आज जब बच्चे संस्कार से विहीन होते जा रहे है ।

 

उस समय बच्चो में संस्कार देने का कार्य करना अपने आप में एक बड़ा कार्य है, आदित्य प्रजापति द्वारा ऐसे आयोजन निश्चित रूप से बधाई के पात्र है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ आज नैतिक शिक्षा जरुरी है ।

 

 

आशीष शुक्ला ने घोषणा कि, की जो भी बालक अथवा बालिका रामायण, महाभारत, गीता पढ़ना चाहता है उसे मेरी ओर से ग्रन्थ उपलब्ध कराया जाएगा ।

 

 

इस दौरान, डॉ मालती प्रजापति, भैरो सिंग आर्य, हरिपद शास्त्री उपस्थित थे |

 

 

संध्या के समय पूना से आई भजनोपदेशक कु.अनिशा तोताडे एवं ग्रुप ने मधुर भजनो से भक्तो का मन मोह लिया, उनके साथ कु. प्रतिष्ठा, कु. क्षिति एवं साहिल ने भजनो से वातावरण को भक्तमय बना दिया, पहली बार किसी भजन समारोह में बिना नाचे भी कैसे भजनो के माध्यम से ईश्वर की भक्ति में कैसे लीन हुआ जाता है लोगो ने अनुभव किया |

उपरोक्त समय बहादरपुर शिव मंदिर के महाराज योगेश जी चतुर्वेदी, वरिष्ठ अधिवक्ता मोहनलाल प्रजापति, शिव गोविंदजीवाला, रविंदर सिंग खरबन्दा, गणपति चौधरी,राहुल ठोबरें, अनिल महाजन, भगवान प्रजापति एवं माताएँ एवं बहने उपस्थित थी।

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