अर्चना चिटनिस के नेतृत्व में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव एवं मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप से मिला बहादरपुर सूत मिल के मजदूरों का प्रतिनिधि मंडल।
बुरहानपुर। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप से विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) के नेतृत्व में बुरहानपुर की बहादरपुर सहकारी सूत मिल मर्यादित के श्रमिक एवं कर्मचारियों को देय वेतन, ग्रेज्यूटी के भुगतान को लेकर मजदूरों का प्रतिनिधि मंडल ने मुलाकात कर अपनी मांगों के निराकरण की मांग दोहराई।
जिस पर मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने अतिशीघ्र मजदूरों के हित में निर्णय लेने का अश्वासन दिया। साथ ही मंत्री चैतन्य काश्यप ने बुरहानपुर कलेक्टर को निर्देश दिए कि मजदूरों-श्रमिकों की दैनदारियों का आंकलन कर शीघ्र राज्य सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
प्रतिनिधि मंडल में शिवचरण शर्मा, प्रभाकर महाजन, यादव साल्वे, लक्ष्मीनारायण सोनवणे, देवेन्द्र शाह एवं अरूण विश्वकर्मा सहित अन्य मजदूर उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की ऐसी सभी बंद मिलों, जिनको मजदूरों को उनका हक अब तक नहीं मिल पाया है, सरकार पूरे ब्याज सहित उन मिल मजदूरों को उनका वाजिब हक दिलाएगी। इसमें बुरहानपुर की बहादरपुर सहकारी सूत मिल भी शामिल है।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2024 में मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायक श्रीमती अर्चना चिटनिस ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से बुरहानपुर की बहादरपुर सहकारी सूत मिल मर्यादित के श्रमिक एवं कर्मचारियों को देय वेतन, ग्रेज्यूटी के भुगतान का विषय सदन में उठाया था।
जिस पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने उत्तर देते हुए अतिशीघ्र कार्यवाही आरंभ कर भुगतान करने का आश्वासन दिया था। जिसके परिणाम स्वरूप जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया। जिसकी दो बार बैठकें भी आयोजित हो चुकी है। जिला स्तरीय समिति मजदूरों की दैनदारियों का आंकलन कर शीघ्र प्रस्तुत करेंगी।
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने विधानसभा में मांग रखी थी कि हमारी सरकार ने मालवा मिल, हुकुमचंद मिल, विनोद मिल, अवंतिका सूत मिल, हीरा मिल आदि के मजदूरों के प्रति जिस संवेदनशीलता से निर्णय किया,
उनके सारे मजदूरों की देनदारियां का भुगतान किया उसी प्रकार बुरहानपुर की बहादरपुर सूत मिल के मजदूरों-कर्मचारियों के लिए भी समय-सीमा में निर्णय करें। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि हम विगत 25 वर्षों से इस मुद्दे को उठा रहे है। लगातार प्रयास कर श्रमिकों-कर्मचारियों को उनका हक मिल सके, इस हेतु प्रयत्नशील रहे।
*कांग्रेस के शासन काल में 1998 में बंद हुई थी, बहादरपुर सूत मिल*
श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कहा कि फरवरी 1998 दिग्विजयसिंह के कांग्रेसी शासनकाल से बंद पड़ी और तब 3-4 वर्षों में अस्तित्व खो चुकी बहादरपुर सूत मिल के श्रमिकों एवं कर्मचारियों को आज तक भी देय वेतन एवं ग्रेज्युटी का लाभ नहीं मिला है। जो बहादरपुर और बुरहानपुर के मेहनतकश कामगारों हेतु काला दिन रहा। जिस दिन इस चालू मिल को तत्कालीन सरकार ने बंद कर दिया था।
उन्होंने कहा कि मिल के परिसमापन को 25 वर्ष से अधिक समय हो चुका है। मिल के श्रमिक अपनी भुगतान राशि के लिए कई वर्षों से आंदोलतरत है तथा इन श्रमिकों में से लगभग 200 श्रमिकों के मृत्यु भी हो चुकी है। इन श्रमिकों की 1999 में देयता 1 करोड़ 51 लाख राशि का भुगतान शेष बताया गया। श्रीमती चिटनिस ने अपने प्रश्न में 31 मार्च 2024 तक की स्थिति में श्रमिकों की देनदारियां ब्याज सहित 56,55,14212/- होना बताया। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि तत्कालीन सरकार ने बहादरपुर सूत मिल को कार्यशील पूंजी के अभाव में फरवरी 1998 में बंद कर दिया था। उसके पश्चात शासन ने अक्टूबर 1999 अपना परिसमापक नियुक्त कर संस्था को परिसमापन में ले लिया था। वर्तमान में महाप्रबधंक, जिला व्यापार व उद्योग केन्द्र बुरहानपुर परिसमापक है।