बुरहानपुर
जल गंगा अभियान फिर भी ताप्ती मैली❓
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ताप्ती नदी भारत की एक प्रमुख नदी है, जो मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों से होकर गुजरती है। यह नदी सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला से निकलती है और अरब सागर में जाकर मिलती है।
ताप्ती नदी का इतिहास बहुत पुराना है,यह नदी प्राचीन काल से ही एक महत्वपूर्ण जलमार्ग और सांस्कृतिक केंद्र रही है। ताप्ती नदी के किनारे कई प्राचीन शहर और मंदिर स्थित हैं।
जो इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को दर्शाते हैं,जिला प्रशासन ने ताप्ती नदी के घाटों की सफाई तो कर दी किंतु ताप्ती में मिलने वाले नालों को बंद नही करा सके ,आज गुड़ी पडवे के अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव के आव्हान पर जिलाप्रशासन ,व सामाजिक कार्यकर्ता पहुँचे जिन्होंने तट की सफाई तो की किन्तु नदी को मैली ही छोड़ दी ।
बुरहानपुर में ताप्ती नदी का महत्व न केवल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक है, बल्कि यह नदी क्षेत्र के लोगों के लिए जीवनदायिनी भी है। यह नदी सिंचाई, पीने के पानी और मछली पालन के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।,
लेकिन बदकिस्मती की इसका पानी पीना तो दूर आज आचमन योग भी नही है ,नदी का पानी पूरा हरा हो चुका है और आज मा ताप्ती अपनी व्यथा स्वयं सुना रही और आंसू बहा रही।
हालांकि मुख्यमंत्री मोहन यादव की महती योजना जल गंगा अभियान के तहत आज जिला प्रशासन ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ योजना का प्रारंभ किया, जिसमें सभी को मा ताप्ती को साफ करने की शपथ भी दिलाई आरती पूजन भी किया,अभियान भी चलाया किंतु यह अभियान केवल तटों पर ही सिमट कर रह गया।
कब होगी मा ताप्ती की सफाई ❓और जीवनदायनी मा का जल कैसे पहुंचेगा घर-घर तक ❓कब हटेंगे यहां से नाले❓ यह सब एक बड़े विचार और गोष्ठी की आवश्यकता है ।
जब इस संबंध में कलेक्टर हर्ष सिंह से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि यह सतत चलने वाली प्रक्रिया है और लगातार कहीं ना कहीं जल संवर्धन के लिए काम भी करते रहेंगे।
जब नालों के मिलने की बात कही तो उन्होंने कहा कि नगर निगम ने बड़ा प्रोजेक्ट तैयार कर रखा है, लेकिन यह प्रोजेक्ट कब तक कागजों पर रहेगा या फिर धरातल पर नजर आएगा ❓वही जिला पंचायत लता शरणागत ने भी कहा कि ताप्ती नदी के जल को स्वच्छ करने की आवश्यकता नितांत है, जिसके लिए कहीं ना कहीं प्रोजेक्ट जरूर तैयार किया जाएगा।
हर्ष सिंह,कलेक्टर।
लता शरणागत,Ceo जिला पंचायत।