तुरकगुराड़ा शाला में शिक्षा के संग योग, संस्कार और जल संरक्षण का अभिनव संगम

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तुरकगुराड़ा शाला में शिक्षा के संग योग, संस्कार और जल संरक्षण का अभिनव संगम

संस्कार, सेहत और खेलों के संग शिक्षा का अभिनव प्रयास

शासकीय माध्यमिक शाला तुरकगुराड़ा में बच्चों की शिक्षा को रोचक, जीवनोपयोगी और संस्कारयुक्त बनाने हेतु अभिनव पहल की जा रही है। यहां प्रतिदिन प्रातः ध्यान, प्रार्थना, योग, प्राणायाम एवं खेल गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को सकारात्मक ऊर्जा प्रदान की जा रही है।

 

शिक्षक संजय राठौड़ ने बताया कि इस नवाचार ने बच्चों में अनुशासन, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और गर्मी के मौसम में भी अध्ययन के प्रति रुचि को बढ़ाया है।

 

विद्यालय में जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत विद्यार्थियों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए निबंध लेखन, रंगोली निर्माण, चार्ट प्रदर्शनी और नाट्य मंचन जैसे रचनात्मक कार्यक्रम आयोजित किए गए। ‘जल है तो कल है’ और ‘जल ही जीवन है’ जैसे संदेशों को बच्चों ने सृजनात्मक रूप में प्रस्तुत किया।

 

योग शिक्षक संजय राठौड़ और विकासखंड योग प्रभारी विजय महाजन ने बताया कि नियमित योगाभ्यास से छात्र अब कठिन आसनों को भी सहजता से कर रहे हैं,

 

 

जिससे उनकी एकाग्रता और आत्मविश्वास में वृद्धि हो रही है। इस आयोजन में देवानंद वानखेड़े, सुभाष चव्हाण, विट्ठल चौधरी, कैलाश राठौड़ सहित कई शिक्षक सक्रिय रूप से सम्मिलित हुए।

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