इंदौर संयुक्त संचालक ने उपमंडी तुकईथड का किया औचक निरीक्षण
व्यापारी द्वारा मक्का भंडारण का किराया न मिलने पर दिए सख्त निर्देश
क्या अब तुकईथड मंडी में किसान बेच पाएंगे अपनी फसल ?
बुरहानपुर/ लक्की एक्सप्रेस
एम पी ब्यूरो नवीन आड़े
बुरहानपुर जिले में इंदौर संयुक्त संचालक प्रवीन चौधरी ने रविवार को कृषि उपज मंडी तुकईथड का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कृषि उपज मंडी तुकईथड की व्यवस्थाएं देखीं।
उन्होंने मंडी इंस्पेक्टर संतोष महाजन और व्यापारियों से चर्चा कर मंडी में किए गए मक्का भण्डारण का किराया वसुल करने के दिए निर्देश अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी ली। मंडी में आवक बढ़ाने तथा मंडी की आय बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मंडी की व्यवस्थाएं बढ़ाई जाएं। उन्होंने आगामी उपज की आवक तथा मंडी में किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं का मौका मुआयना किया।
व्यापारीयों द्वारा खरीदी कर मण्डी प्रांगण में भण्डारण की गई मक्का का टैक्स वसूलने का मंडी इंचार्ज सन्तोष महाजन को दिए निर्देश वरना करे कार्यवाही । मण्डी प्रांगण में व्यापार करने वाले व्यापारियों की जानकारी ली।
आपको बता दें कि सिर्फ़ समर्थन मूल्य में ही मण्डी प्रांगण में नीलामी (खरीदी) की गई उसके बाद खरीदी की गई थी जब मण्डी इंचार्ज सन्तोष महाजन से संयुक्त संचालक ने पूछा व्यापारीयों द्वारा मक्का भण्डारण किया गया इसका किराया मिल रहा है कि नहीं तो मण्डी इंचार्ज महाजन ने कहा किराया नहीं मिल रहा है ।
इसीलिए व्यापारीयों को नोटिस दिया गया है जिसको लेकर उन्होंने कहा कि व्यापारियों से किराया वसूल करें या मंडी प्रांगण खाली करवाने के मौखिक आदेश दिये जबकि शासन के निर्देश अनुसार मण्डी प्रांगण में किसानों की उपज की खरीदी (नीलामी) होना था जिसके लिए शासन द्वारा एक मुहिम चलाई गई थी और गांव गांव में वाहनों पर लाउडस्पीकर लगा कर प्रचार भी किया गया है ।
जिसमें साफ़ साफ़ कहा था कि सभी किसान मण्डी में ही नगत भुगतान में अपनी उपज बेचे बाहर व्यापारियों को ना बेचे लेकिन कृषि उपज उपमंडी तुकईथड़ में खरीदी नहीं होने के कारण किसानों को अपनी उपज बुरहानपुर मण्डी ले जाने के बजाय व्यापारियों को बेचना सही लगा क्योंकि ग्राम तुकईथड़ उपज उपमंडी से बुरहानपुर की दूरी 55 किलोमीटर है ।
जिसका फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में खरीदी करने वाले व्यापारीयो ने उठाया शासन द्वारा कोई उचित कदम उठाना चाहिए जिससे कृषि उपज उपमंडी तुकईथड़ चालू हो सके जिससे किसानों को व्यापारियों के आगे पिछे ना घूमना पड़े।