- मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से अर्चना चिटनिस ने बुरहानपुर के पुरातत्व और पर्यटन संपदा संरक्षण-विकास हेतु रखी मांगें
बुरहानपुर। विधायक एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस (दीदी) ने मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से विगत दिवस भोपाल में भेंटकर बुरहानपुर के पुरातत्व और पर्यटन संपदा के संरक्षण एवं विकास हेतु विभिन्न मांग रखी। श्रीमती चिटनिस ने मुख्यमंत्री डॉ.यादव के समक्ष कुंडी भंडारे की मरम्मत व संधारण हेतु सक्षम व योग्य कंसल्टेंट आर्किटेक्ट एजेंसी नियुक्त कर इस विश्व धरोहर के संरक्षण और संवर्धन हेतु लगभग 12 करोड़ रूपए की स्वीकृति मांग रखी। इसी प्रकार मां ईच्छादेवी पर रोप-वे निर्माण, सौंदर्यीकरण और विकास हेतु ईच्छादेवी को पर्यटन डेस्टीनेशन के रूप में विकसित करने, महाराष्ट्र के पंढरपुर में मध्यप्रदेश से जाने वाले श्रद्धालु भक्तों के आवास व्यवस्था हेतु मध्यप्रदेश शासन के भक्त सदन को सुचारू रूप से संचालन और सुव्यवस्थित करने हेतु प्रशासनिक समिति गठित करने तथा बुरहानपुर में श्री गुरू गोविंदसिंहजी की 350वीं वर्षगांठ के अवसर पर स्वीकृत कराए गए गुरूगोविंदसिंह मेमोरियल (म्यूजियम) निर्माण को अतिशीघ्र पूर्ण कराने की मांग रखी। जिसके बाद डॉ.मोहन यादव ने पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला को सभी बिन्दुओं पर चर्चा कर कार्य करने हेेतु निर्देशित किया। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के पश्चात श्रीमती चिटनिस ने प्रमुख श्री शुक्ला से कई विषयों पर विस्तृत चर्चा की।
*कुंडी भंडारे के संरक्षण और संवर्धन हेतु 12 करोड़ मांगे*
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव से श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कुंडी भंडारा को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में स्थान दिलाने के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव जी के सफल प्रयासों के लिए उनका धन्यवाद व साधुवाद ज्ञापित किया। श्रीमती चिटनिस ने कहा कि कुंडी भंडारा की संरचना को काफी संरक्षण की आवश्यकता है। भंडारे के आगे की भूमिगत वाटर चैनल क्षतिग्रस्त होने के कारण कुंडियों से जल प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है और भंडारे में जल संचय होने से जलस्तर बहुत बढ़ जाता है। यद्यपि नगर निगम द्वारा समय-समय पर मरम्मत संधारण किया जाता है किन्तु पुरातात्विक महत्व की संरचनाओं की मरम्मत की सीमित तकनीकी क्षमता और संसाधनों की कमी के कारण यह कार्य उचित तरह से करने में कठिनाई हो रही है। वर्तमान में भी कुछ लंबाई की भूमिगत वाटर चैनल क्षतिग्रस्त होने से भंडारे का जल प्रवाह अवरुद्ध है। श्रीमती अर्चना चिटनिस ने कुंडी भंडारे की मरम्मत व संधारण हेतु सक्षम और योग्य कंसल्टेंट आर्किटेक्ट से उक्त कार्य की डी.पी.आर. तैयार करवाकर लगभग 12 करोड़ रूपए स्वीकृति की बात कही।
ईच्छापुरदेवी को पर्यटन के रूप में किया जाए विकसित
मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के सीमावर्ती ग्राम ईच्छापुर स्थित मां ईच्छादेवी मंदिर है। जहां पर लाखों श्रद्धालु देवी की पूजा-अर्चना करने आते है। मध्यप्रदेश पर्यटन की दृष्टि व धार्मिक महत्व के साथ-साथ इसकी परियोजना परिस्थितिकीय पर्यटन की दृष्टि से प्राकृतिक सौंदर्य अत्यंत अनुकूल है। यहां रोप-वे निर्माण सहित सौंदर्यीकरण की अपार संभावनाएं है। श्रीमती चिटनिस ने मां ईच्छादेवी को पर्यटन के रूप में विकसित करने हेतु कंसल्टेंट नियुक्त कर राशि स्वीकृत करने की मांग रखी।
महाराष्ट्र के पंढरपुर में मध्यप्रदेश भक्त सदन का सुचारू और व्यवस्थित हो संचालन
महाराष्ट्र के पंढरपुर में विठ्ठल रूकमाई मंदिर प्रतिष्ठित तीर्थ स्थल है। जहां मध्यप्रदेश शासन द्वारा मध्यप्रदेश के श्रद्धालुओं और भक्तों के आवास व्यवस्था की दृष्टि से ‘‘भक्त सदन‘‘ निर्मित कराया गया। इसके रख-रखाव की व्यवस्था और सुचारू संचालन हेतु मध्यप्रदेश के तकनीकी और आवासीय विभागों से संबंधित अधिकारियों की टीम गठित कर भक्त सदन को भव्य और श्रद्धालुओं की आकांक्षा को पूर्ण करने जैसा बनाया जाए।
गुरू गोविंदसिंह मेमोरियल म्यूजियम का निर्माण शीघ्र हो पूर्ण
17वीं शताब्दी में गुरूगोविंदसिंह बुरहानपुर पधारे और उनकी स्मृतियों को चिरायु बनाने हेतु यहां भारत सरकार से लगभग 16 करोड़ की लागत से मेमोरियल म्युजियम का निर्माण वर्ष 2018 में स्वीकृत कराकर प्रारंभ कराया था। भारत सरकार, संस्कृति मंत्रालय की म्युजियम ग्रांट स्कीम के अंतर्गत स्वीकृत इस राशि की अगली किश्त हेतु प्रदेश शासन से प्रक्रिया पूर्ण कराकर इसको शीघ्र जन उपयोगी स्वरूप दिलाने हेतु परियोजना की शेष राशि शीघ्र प्रदान कराने हेतु संबंधितों को निर्देशित करने का अनुरोध किया।