बुरहानपुर/केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में वित्तीय अधिनियम के तहत एक अहम बदलाव करने जा रहा है जिसमें सेवानिवृत्ति सरकारी कर्मचारियों को अब महंगाई भत्ता और भविष्य में आने वाले पे कमीशन का लाभ नहीं मिलेगा ।
इस नियम के मुताबिक जो कर्मचारी सेवा निवृत हो चुके या भविष्य में सेवानिवृत्ति होंगे उन्हें नियमित वेतन आयोग संशोधन का लाभ नहीं दिया जाएगा इससे उनके मासिक पेंशन में बढ़ोतरी की संभावना अब खत्म हो जाएगी यह फैसला उन सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए चिंता का विषय है ।
जो महंगाई दर बढ़ने पर महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की उम्मीद करते थे सरकार का मानना है की पेंशन की मूल राशि पर्याप्त है लेकिन देश के समस्त कर्मचारी संगठनों ने इस बदलाव का विरोध किया है विशेषज्ञ का कहना है कि इससे बुजुर्ग कर्मचारियों की आर्थिक स्थिरता पर असर पड़ सकता है।
उनके जीवन स्तर पर भी प्रभाव पड़ेगा उपरोक्त जानकारी देते हुए कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने बताया कि सरकार का यह फैसला कर्मचारियों के प्रति नितीगत नहीं है एक तो सेवानिवृत कर्मचारी बुढ़ापे में आर्थिक और सामाजिक एवं पारिवारिक रूप से आ सहायहो जाता है ऐसे समय उसे बुढ़ापे में आर्थिक सहायता की बहुत आवश्यकता होती है।
शासन को अपने जीवन काल के 40/ 45 वर्ष और अपनी पूरी क्षमता खो देता है ऐसे में कम से कम आर्थिक वृद्धावस्था में पेंशन ही उसका सबसे बड़ा सहारा होती है ऐसे समय में उसकी आर्थिक स्थिति को कमजोर करना अच्छी बात नहीं है।
संयुक्त मोर्चा के ठाकुर संजय सिंह गहलोत, डॉक्टर अशफाक खान, धर्मेंद्र चौकसे, अनिल बाविस्कर , विजेष राठौर, ठाकुर अरविंद, सिंह ,ठाकुर हेमंत सिंह, राजेश पाटील, राजेश साल्वे सभी का कहना है कि सरकार इस पर पुनर्विचार करें, सरकार बढ़ोतरी तो नहीं कर रही है ।
ऊपर से आर्थिक वृद्धि में घट रही है और कुल मिलाकर सेवा नियमों का पालन नहीं कर रही जबकि केंद्र सरकार की राज्य सरकार की नीतियों में वृद्धावस्था में वृद्धावस्था पुरुषों को प्राथमिकता दी जाती है।
सरकार की इस फैसले से मध्य प्रदेश के 5:30 लाख पेंशन हीथार्थी प्रभावित होंगे पेंशनर संघ के अत्ताउल्लाह खान ने निवेदन किया सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करें और बुढ़ापे में हमें चैन से जीने दे।