न फूटी कौड़ी चाहिए, न रियायत… फिर भी अफसर फाइलों पर मौन!

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बुरहानपुर ,मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने बीते डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में कर्मचारी के हित में कई बड़े निर्णय लिए लेकिन कुछ अभी बाकी जिन्हें पूरा करने पर₹1 का वित्तीय भार भी नहीं आना है ।

 

 

इसके बाद भी जिम्मेदार अफसर सरकार के सामने संबंधित मांगों से जुड़े मामलों को रखने में मृतक स्थाई कर्मियों के परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने और कर्मचारियों के पद नाम बदले जाने जैसी मुख्य मांगे उपरोक्त जानकारी देते हुए।

 

 

कर्मचारी महासंघ के प्रदेश ठाकुर संतोष सिंह दीक्षित ने बताया कि अनुकंपा नियुक्ति जैसे मामलों में दैनिक वेतन भोगी एवं स्थाई कर्मियों की मौत होने के बाद उनके परिवार के सदस्यों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा रही, हजारों आवेदन लंबित है।

 

इसी प्रकार कृषि विभाग में वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यरत है वर्षों से राजपति अधिकारी घोषित किए जाने की मांग अनसुनी की जा रही है।

 

संयुक्त मोर्चा के ठाकुर संजय सिंह गहलोत डॉक्टर अशफाक खान धर्मेंद्र चौक से ठाकुर अरविंद सिंह अनिल बाविस्कर ठाकुर रमन सिंह बृजेश राठौर सभी ने मांग की है कि चपरासी /चौकीदारों को पदनाम बदलकर कार्यालय सहायक प दनाम नहीं दे सकते तो कार्यालय सहायक परिचारक कर दिया जाए प्रदेश के हजारों लिपिक मंत्रालय सेवा की लिपिको की तरह ग्रेड पे की मांग कर रहे हैं सरकार दे भी रही है लेकिन रिकार्ड में नहीं है।

 

 

पर परीशाअवधि को 3 वर्ष किया गया है इससे पहले की तरह 2 वर्ष किया जाए।

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